अनास्था मत : यादों के झरोखेसे part

अनास्था मत : यादों के झरोखेसे 



इसी अन्तराल में सांसद तथा मंत्री सचिन पायलट ने इस मुहिम को गलत बताते हुए मतदाताओं से आवाहन किया कि वे अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों को समझायें ताकि कोई तो उन्हें अच्छा लगने लगा। यह तो बहुत दूर की कौडी लाने की बात थी। फिर मैंने प्रश्न उठाये की सांसद होने के नाते वे स्वयं क्या कर रहे थे। किस प्रकार अपनी पार्टी को समझा रहे थे किस प्रकार उम्मीदवारों के लिये मानक तय कर रहे थे ? लेकिन मुझे पता है कि प्रश्न मंत्रियों या पार्टी के वरीष्ठों तक नही पहुँचते।
              खैर, अन्ततोगत्वा सभी ओर से शब्द उठने लगे, प्रतिक्रियाएँ आने लगीं तो सांसदोंने इस सुझाव को मान लिया और इस प्रकार अनास्था मतदर्शाने वालों के लिये मतपत्रिका में और EVM मशीन में ही एक चिहन बना ताकि जिस मतदाता को कोई भी उम्मीदवार अच्छा न लगे, वह सबों के प्रति अपनी अनास्था   

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