ढेर सारी नई कल्पनाएँ -- मेरा शिक्षा विषयक लेखन -

7 जून 2006 को मैं ढेर सारे स्कूली बच्चों से मिली. बात चली देश के लिए कुछ करने की. मैंने उनसे पूछा, तुम्हारी कोई एक बात अगर पूरी तरह से मानने का वादा भगवान ने किया तो देश के लिए क्या माँगोगे ? उनके जबाब थे कि सबको ईमानदारी की प्रेरणा मिले, गंदगी से हम लडें, समय का ध्यान रखा जाए, भ्रष्टाचार पूरी तरह से नष्ट हो । फिर शिक्षा व्यवस्धा सुधारने और उसे उपयोगी बनाने की बात भी हुई।
-----------------------------------------------------------
मेरा शिक्षा विषयक लेखन -
कौशल्य शिक्षणाशिवाय पर्याय नाही
शिक्षणाची फेररचना हवीच, पण तिचे केंद्र हवे खेडे
सुप्रीम कोर्टाचे महत्वाचे निकाल
परीक्षा पद्धतीत आमूलाग्र बदल हवा - revamp the exam system
माय मराठीत विज्ञान आणि कायदा
शिक्षणाने आपल्याला कांय द्यावे -- what should Education give us?
New Strategies for Education

Comments

Popular posts from this blog

मी केलेले अनुवाद -- My Translations

एक शहर मेले त्याची गोष्ट

उद्धव गीता भाग १ -- भांडारकर व्याख्यान दि. १२ जून २०१९