डूबेंगे शर्ममें बारबार -- (दिल्ली गँगरेप केस)
डूबेंगे शर्ममें बारबार -- ( दिल्ली गँगरेप केस ) दिल्ली एक बार फिर शर्म में डूबी। " निर्भया " के गँगरेप के मुद्देपर फिर हाहाकार हुआ -- चूँकि संसद चल रही थी तो कई सांसदों को अपना दुख , क्रोध , हतबलता व्यक्त करने का मौका मिला। लेकिन मैं चाहती हूँ और देश चाहता है कि इतनेभरको कर्तव्यपूर्ती समझकर चुप मत बैठो। आज संसदमें लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार है , काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी है , विपक्ष नेता सुषमा स्वराज है। कल तक राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील थी , इनसे मैं कहूँगी -- आज लम्बेचौडे प्लान बनानेका , नया कानून गढनेका वक्त नही है। जो कानून हैं , उन्हें शीघ्रतासे क्रियान्वित करनेकी जरूरत है। वह नही हो रहा इसी कारण राष्ट्रपति भवनके सामने इतने विशाल प्रदर्शन के बाद भी देशभरसे अन्यान्य बलात्कार की घटनाएँ सामने आ रही हैं। शीघ्र क्रियान्वयन के अजेंडे में पीडितोंका बयान और पकडे गये आरोपियोंका भी बयान मॅजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराना सबसे प्रमुख आवश्यकता है -- क्योंकि इसी खामी के कारण कई मुकादमोंमें सजा नही हो पाती है। दूसरी आवश्यकता है कि जब भी ऐसा कांड हो , तब उसका तत्काल सं...